अपने-अपने युद्ध हैं, अपने-अपने हैं व्यूह। अपने-अपने युद्ध हैं, अपने-अपने हैं व्यूह।
दिमाग - तूने ने हमेशा इस दिल को समझाया... दिमाग - तूने ने हमेशा इस दिल को समझाया...
है सब पता तुझे मेरा अब कुछ नहीं नक़ाब मे ! है सब पता तुझे मेरा अब कुछ नहीं नक़ाब मे !
असली जंग तब भी वही, अब भी वही है, खुद की, खुद से! असली जंग तब भी वही, अब भी वही है, खुद की, खुद से!
A Tribute to our martyrs of the Kargil War A Tribute to our martyrs of the Kargil War
"भैया कैसी होगी वह स्त्री, पुत्र रत्न अपना खोकर, बस दिन अपने काट रहीं हूँ, बोझिल स्मृतियों से लड़कर, "भैया कैसी होगी वह स्त्री, पुत्र रत्न अपना खोकर, बस दिन अपने काट रहीं हूँ, बोझिल...